कैसे हैं कोविड के नए JN.1 वैरिएंट के लक्षण, AIIMS ने इन बातों पर दी चेतावनी
रितु राज
जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला
दिल्ली में कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। जिससे लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। दिल्ली में कोरोना के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 35 से अधिक हो गई है।
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एम्स ने जारी की गाइडलाइन
इस बीच देश के सबसे प्रसिद्ध अस्पताल दिल्ली एम्स ने कोरोना के संदिग्ध मामलों को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए।
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इन लक्षणों वाले मरीजों की होगी कोविड जांच
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब सांस के गंभीर लक्षण वाले मरीजों खासकर उन पेशेंट की कोविड जांच कराई जाएगी जो कई दिनों से खांसी बुखार से परेशान हैं।
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तीव्र श्वसन संक्रमण
उन मरीजों की भी कोविड जांच होगी जो तीव्र श्वसन संक्रमण से जूझ रहे हैं जिनको बीते 10 दिनों से लगातार बुखार आ रहा है।
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कोरोना मरीजों के लिए बेड रिजर्व
नई गाइडलाइन में संस्थान के सभी विभागों को अपने-अपने नामित वार्डों में उन मरीजों के लिए इंतजाम करने को कहा गया है जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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12 बेड रिजर्व
गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के लिए सी-6 वार्ड में 12 बेड रिजर्व रखे जाने का फैसला भी लिया गया है।
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इमरजेंसी वार्ड में ओपीडी
नए दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि इमरजेंसी विभाग में एक स्क्रीनिंग ओपीडी कोविड जैसे लक्षणों वाले मरीजों की जांच करेगी और मेडिकल कंडिशन के आधार पर उनका परीक्षण करेगी।
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न्यू प्राइवेट वार्ड में 12 कमरे रिजर्व
एम्स दिल्ली में निदेशक की अध्यक्षता में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए न्यू प्राइवेट वार्ड में 12 कमरे आरक्षित करने के लिए कहा गया है।
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कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए भी बेड रिजर्व
एम्स की इमरजेंसी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को देखते हुए वार्ड संख्या सी 6 में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है।
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