यह एक सिंड्रोम महिलाओं की जिंदगी को बना देता है मशीन

Medha Chawla

Jul 15, 2023

वर्तमान समय मल्टीटास्कर की मांग है और महिलाएं बचपन से ही मल्टीटास्कर होती हैं।

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​ऐसा कहा जाता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में एक ही समय में कई काम कर सकती हैं।

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​घर के कामकाज से लेकर ऑफिस का काम जैसी जिम्मेदारियां ज्यादातर महिलाएं ही उठाती रही हैं।

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​लेकिन आधुनिक जिंदगी में हर काम को परफेक्ट तरीके से करना कोई आसान काम नहीं है।

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​ऐसे में कई बार महिलाएं इसकी वजह से स्‍ट्रेस और एग्‍जायटी की शिकार हो जाती हैं।

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​दरअसल साइकोलॉजिकल भाषा में इसे सुपरवूमन सिंड्रोम या डिजीज का नाम दिया गया है।

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​सुपरवूमन सिंड्रोम​

स्क्रिप्स हेल्थ के अनुसार, कई महिलाएं जो ऑफिस जाने, नई मां, गृहिणी जैसी कई जिम्मेदारियां निभा रही हैं, उन्हें नींद न आने से लेकर चक्कर आना, अत्यधिक तनाव आदि जैसे लक्षणों का अनुभव होता है, जिसे सुपरवुमन सिंड्रोम माना जा सकता है।

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​​महिलाएं और मशीन ​

इस सिंड्रोम के कारण महिलाएं मशीन की तरह व्यवहार करती हैं। यही नहीं, इस वजह से मन काम में नहीं लगता और बस उसे निपटाने की योजना में व्‍यस्‍त रहती हैं।

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​सुपरवूमन सिंड्रोम के लक्षण​

नींद न आना या अत्यधिक नींद आना, चिड़चिड़ापन, बातों को भूलना और कंसंट्रेशन का अभाव, मांसपेशियों में तनाव और पसीना आना जैसे लक्षण बताते हैं कि आपको शारीरिक और मानसिक रूप से आराम करने की जरूरत है।

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