खुशी का सबसे करीबी समानार्थी एक्साइटमेंट है। आप अपने अंदर एक्साइटमेंट कुछ ऐसा करके पैदा कर सकते हैं, जिससे आपको वाकई खुशी मिलती है।
Credit: Sushant
दूसरों के सामने उदाहरण पेश करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आप क्या सोच रहे हैं। आपमें सही और गलत का चुनाव करने की क्षमता होनी चाहिए।
हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि एक दिन हमसे सबकुछ छिन जाना है, इसलिए चीजों को एक्सपीरियंस करिए, इससे पहले कि वो खत्म हो जाए।
जिंदगी में आपको एक ही चीज आगे बढ़ाती रहती है, वो है आपके एक्सपीरियंसेस। जिंदगी को एक्सप्लोर करना न भूलें।
खुद को बहुत गंभीरता से न लें क्योंकि जो विचार इस वक्त आपके दिमाग में हैं वो कुछ क्षण के लिए हैं।
जिंदगी में हर पल को एन्जॉय करना सीखिए। भविष्य की चिंता में उसे मत गवाइए जो हाथ में है।
जो गलतियां आपने की हैं, उन पर पछताइए मत। उन पर गर्व करिए क्योंकि उन्होंने आपको कुछ न कुछ सिखाया है।
खुशी का उल्टा उदासी नहीं होता है। खुशी का उल्टा बोर होना होता है। जिंदगी में उदास होने में बुराई नहीं है लेकिन कुछ न कुछ करते रहिए।
अगर आप अपनों के साथ वक्त बिताते हैं तो आपको जिंदगी में नए काम करने की ऊर्जा मिलती है।
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