​कभी सोचा है अक्ल पर पत्थर ही क्यों पड़ता है, पहाड़ या चट्टान क्यों नहीं​

नीलाक्ष सिंह

Nov 20, 2023

पुरानी हिंदी की कहावत

अक्ल पर पत्थर पड़ना एक बहुत पुरानी हिंदी की कहावत है, जिसका प्रयोग भी आज भी बड़े बुजर्गों को करते देखा होगा।

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​कैसे होता है वाक्य प्रयोग​

लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है, अक्ल पर पत्थर क्या है, क्यों है व इस मुहावरे का प्रयोग कैसे किया जाता है।

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​नई पीढ़ी भी जानें​

हमें इन मुहावरों के बारे में पता होना चाहिए, हालांकि असलियत यह है मुहावरों का प्रयोग नई पीढ़ी बिल्कुल नहीं करती है।

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मुहावरों से होती है समझ​

लेकिन इसका यह दर्शाती है कि मुहावरे बोलने का मतलब है आपने बचपन में अपने कोर्स को अच्छे से पढ़ा है यानी आप एक समझदार व्यक्ति हैं।

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​वाक्य प्रयोग​

चलिए टेक्निकली इसे समझते हैं, अक्ल पर पत्थर पड़ना यानी बुद्धि का सही इस्तेमाल न करना।

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​कहां होता है इस्तेमाल

अब मान लीजिए आप समझाने पर भी उचित निर्णय लेने की जगह जान बूझ कर गलत कदम या निर्णय लेते हैं, तो ऐसे में कहा जाता है इसकी अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं।

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​उदाहरण से समझें

बारिश के मौसम में आदित्य पहाड़ों की सैर के लिए जाना चाहता है, जबकि उसे समझाया जा रहा है कि अगले सीजन में जाए ताकि लैंड स्लाइड या एक्सीडेंट का ​जोखिम न हो।

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​अक्ल पर पत्थर

लेकिन आदित्य जिद्द पर है कि उसे बारिश में ही जाना है पहाड़ों पर, ऐसे में उसे समझाना व्यर्थ है क्योंकि उसके तो अक्ल पर पत्थर पड़ा हुआ है।

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पहाड़ या चट्टान क्यों नहीं

पहाड़ या चट्टान का प्रयोग इसलिए नहीं होता, क्योंकि पत्थर पड़ना का मतलब दिमाग में चोट लगने को दर्शाता है।

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