Jan 9, 2024
इस फिल्म की कहानी गांव के एक लड़के के बारे में है, जिसे न तो UPSC परीक्षा के बारे में पता था और न IPS पद के बारे में।
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लड़के का असली नाम मनोज शर्मा है, जो अपने गांव में 12वीं में इसलिए फेल हो जाता है, क्योंकि उसे चीटिंग का मौका नहीं मिला था।
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एक बार उसकी मुलाकात एक ईमानदार पुलिस वाले से होती है, मनोज कहता है कि मुझे भी आप की तरह ईमानदार अफसर बनना है। इसके लिए मुझे क्या करना होगा।
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जवाब में पुलिस वाला कहता है 'चीटिंग छोड़ दो' और यह कहकर चला जाता है।
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इस पल के बाद मनोज चीटिंग न करने की ठानता है और उस पुलिस वाले जैसा ईमानदार अफसर बनने का लक्ष्य बनाता है।
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जेब में एक भी रुपया नहीं और लक्ष्य बहुत बड़ा। ऐसे में मनोज ने एक अजनबी से मदद ली और उसके साथ दिल्ली आ गया।
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इस अजनबी दोस्त से ही उसे यूपीएससी परीक्षा के बारे में पता चला, और उसे समझ आया कि गांव में चीटिंग का माहौल बदलना है तो आईपीएस बनकर ऐसा किया जा सकता है।
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दिल्ली आकर तैयारी के लिए 1 रुपये भी जेब में नहीं था, ऐसे में पढ़ाई या तैयारी तो दूर खाने का भी ठिकाना नहीं था।
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मनोज ने पैसों के लिए कभी टॉयलेट सीट साफ की, तो कभी आटा चक्की में काम किया और वहीं सो गए। यहां तक की चक्की के शोर वाले माहौल में पढ़ाई की।
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पढ़ाई के लिए स्थानीय लोगों में कुछ ने मदद की, उसका समर्पण देख उसे आटा चक्की छोड़कर केवल पढ़ाई करने की सलाह दी। इसके अलावा रहने की जगह भी दी।
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तीन बार फेल होने के बाद मनोज कुमार शर्मा ने अपने चौथे व आखिरी अटेम्प में IPS बनने का सपना पूरा किया।
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