Jan 31, 2024
तो दुनिया भर से निकलने वाले कूड़े कचड़े को आखिर ज्वालामुखी में क्यों नहीं जलाने की सोची जाती है।
Credit: canva
इस सवाल का जवाब साइंस के पास है, आइये समझते हैं।
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दरअसल, सुनने में तो यह एक बेहतरीन उपाय लगता है लेकिन ज्वालामुखी में कूड़ा कचड़ा डालना पर्यावरण को पलभर में दूषित व खतरनाक बना देगा।
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जब प्लास्टिक या मेटल को जलाया जाता है तो वह बहुत सारी जहरीली गैस छोड़ता है।
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ज्वालामुखी पहले से ही सल्फर, क्लोरीन व कार्बन डाई आक्साइड जैसे लाखों टन जहरीली गैस का रिसाव कर रहा होता है।
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ज्वालामुखी में यदि कचरा डाल दिया गया तो ग्लोबल वार्मिंग प्रोसेस और तेज हो सकता है, जिससे वातावरण का जीवन चक्र टूट जाएगा।
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ज्वालामुखी में कचड़ा जलाने से पेड़ पौधे के साथ साथ जीव जंतु सभी नष्ट हो जाएंगे।
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वातावरण खराब होने के साथ अगर दूसरी चुनौती पर ध्यान दें, तो पाएंगे कि ऐसा ज्वालामुखी ढूंढना मुश्किल है, जो एक्टिव न हो और उसके आस पास जीव जंतु न रहते हों।
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