Sep 14, 2024
भारत के पहले इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को माना जाता है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया इंजीनियर के साथ साथ राजनयिक भी थे।
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Mokshagundam Visvesvaraya के पिता संस्कृत के जानकार थे, विश्वेश्वरैया जब 12 साल के थे तभी उनके पिता चल बसे।
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सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 को कर्नाटक के मैसूर के कोलार के क्काबल्लापुर तालुक में हुआ था। जबकि इनकी मृत्यु 14 अप्रैल 1962 को हुई थी।
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mokshagundam visvesvaraya education की बात करें तो सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने अपनी स्कूली पढ़ाई बैंगलोर के चिकबल्लापुर में की।
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सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने बैंगलोर से 1881 में बीए डिग्री हासिल की।
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सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से डीसीई की डिग्री हासिल की।
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पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बॉम्बे में पीडब्ल्यूडी से साथ काम किया और उसके बाद भारतीय सिंचाई आयोग में सेवा दी।
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अब रही बात की 15 सितंबर को ही इंजीनियर डे (Engineers Day) क्यों मनाया जाता है। तो बता दें इसी दिन सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।
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सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को न केवल 1955 में भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया, बल्कि सार्वजनिक जीवन में योगदान के लिए किंग जॉर्ज पंचम ने उन्हें ब्रिटिश इंडियन एम्पायर के नाइट कमांडर उपाधि से भी नवाजा।
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