Jul 12, 2024
चांदनी चौक का नाम शायद ही कोई होगा जिसने न सुना हो।
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दिल्ली में टूरिज्म का भी सबसे अहम हिस्सा है चांदनी चौक। दिल्ली में शॉपिंग की बात हो और चांदनी चौक की न हो यह भी मुमकिन नहीं।
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चांदनी चौक मुगलों के जमाने से हैं, इस बाजार को भी एक मुगल ने ही बनवाया था। इसकी खासियत जानकर दंग रह जाएंगे।
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चांदनी चौक को मुगल सम्राट शहंशाह ने अपनी बेटी जहांआरा के लिए बनवाया था। जहांआरा बेहद खूबसूरत और टैलेंटेड भी थी।
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जहांआरा ने ही इसे लाल किले के ठीक सामने बनवाया, यहां तक की इसका डिजाइन भी जहांआरा ने तैयार किया था।
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चांदनी चौक का निर्माण 1650 में हुआ, यह बाजार इतना बड़ा है कि यहां सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों दुकाने हैं।
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चांदनी चौक नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां ज्यादातर काम चांदी का हुआ करता था, आज भी यहां चांदी की मार्केट है।
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हालांकि इसके पीछे एक और तथ्य इंटरनेट पर मिलता है कि चांदनी चौक नाम इसलिए पड़ा क्योंकि चांदनी रात में चमकता हुआ दिखता था।
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दरअसल चांदनी चौक में तालाब था, जिसमें चांद चमकता हुआ दिखाई देता है, जिस वजह से इसे चांदनी चौक कहा जाने लगा।
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