Jul 31, 2024
यह बात है मुगलिया सल्तनत के 17वें बादशाह शाह आलम द्वितीय की, जो एक मुगल शासक होने के साथ साथ ब्रज फारसी कविताओं का कवि भी था।
Credit: Canva-PIxabay-TNN
एक बार की बात है कि शाह आलम शाही दरबार में बैठे थे, कि उन्हीं के गुलाम कादिर ने उन्हें खींचकर तख्त से नीचे गिरा दिया।
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इसके बाद गुलाम कादिर ने खजाने का पता पूछा, जिस पर शाह आलम ने अपने पास कुछ न होने की दुहाई दी।
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गुलाम कादिर नाराज हुआ और उसने बादशाह को धूप में भूखा प्यासा रखने का आदेश दिया।
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जानकारी न पता चलने पर गुलाम कादिर ने बादशाह की आंखे फोड़ दी, जब मन नहीं भरा तो खंजर से आंखे बाहर निकाल दी।
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यही नहीं इस भयानक द़श्य की तस्वीर भी बनवाई, लेकिन क्रूरता यही नहीं रुकी, उसने सैनिकों को हरम की महिलाओं पर छोड़ दिया।
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बिना वस्त्र के उन्हें सबके सामने हरम की महिलाओं को नचवाया गया, जो आवाज उठाता उसका गला काट दिया जाता, यह जुल्म बादशाह की मौत पर खत्म हुआ।
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कहते हैं गुलाम कादिर जब 8 साल का था तो उसे बंदी बनाकर किले में लाया गया था, जिसके बाद शाह आलम ने उसे अपने पास रखा और बड़ा होने पर उसे सेना में बड़ा पद भी दिया।
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लेकिन जब हरम की औरतों के साथ गुलाम कादिर के संबंधों का पता चला तो गुलाम कादिर का नामर्द बनवा दिया दिया।
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इसी बात का बदला लेने के लिए गुलाम कादिर ने अपने बादशाह के साथ क्रूरता की थी।
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