Oct 31, 2023
डेड झील 380 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, रही बात गहराई की तो कई जगहों पर ये 230 मीटर तक गहरी है।
Credit: canva
इस झील का नाम महारानी विक्टोरिया के नाम पर रखा गया था, लेकिन बाद में सोवियत संघ ने इसका नाम बदलकर कराकुल यानी काली झील रख दिया।
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कराकुल झील या डेड झील बेहद खास है, यह दिन में कई बार अपना रंग बदलती है। यही वजह है कि इसे सबसे अनोखी झील का तमगा प्राप्त है।
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कभी इसका पानी नीला, तो कभी फिरोजी, कभी गहरे हरे रंग का तो कभी कभी गहरा काला भी दिखाई देता है। यहां पामीर हाइवे के जरिए कराकुल झील तक पहुंचा जा सकता है।
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डेड झील की खासियत देखने के लिए लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं। कराकुल झील का सबसे करीबी कस्बा ताजिकिस्तान का मुर्गब है।
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इसकी एक अन्य खासियत है कि कराकुल झील एशिया की सबसे खारी झील है, यहां मछली के सिवा कोई जीव नहीं रह पाता है।
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कराकुल झील इतनी खारी है कि इसमें नाव चलाना लगभग नामुमकिन है। अगर आप फिर भी इसमें नाव खेने की कोशिश करते हैं, तो उसके पलट जाने की पूरी आशंका होती है।
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जिस तरह मध्य-पूर्व में मृत सागर या डेड सी है, उसी तरह यह कराकुल झील है। मृत सागर के पानी में भी इतना नमक है कि वहां कोई जीव नहीं पल सकता। यही हाल कराकुल का भी है।
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झील के पास एक छोटा सा गांव है। इसका नाम भी कराकुल ही है। ये झील के पूर्वी हिस्से के पास स्थित है।
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