Aug 13, 2024
मुगलों के शासन के समय किले में हमेशा एक हरम नाम की जगह होती थी, जहां केवल महिलाओं को जाने और रहने की इजाजत थी।
Credit: TNN-freepik-pixabay
दूसरे शब्दों में कहें तो मुगल काल में हरम वो जगह थी जहां बादशाह की सारी बेगमें और उनकी दासियां या सेविकाएं रहा करती थीं।
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हरम में बादशाह के अलावा अन्य किसी पुरुषों का जाना वर्जित था, चाहे वो कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो। हालांकि जिन किन्नरों को इजाजत थी केवल वे हरम में जा सकते थे।
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हरम में किन्नरों के रहने के पीछे खास कारण था कि वहां कि औरतों पर इनसे बुरी नजर का खतरा नहीं था।
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किन्नरों में ज्यादा ताकत होने की वजह से वे हरम की औरतों की मुसीबत के समय में तत्कालीन रक्षा और देखरेख करते थे।
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हरम बनने की शुरुआत भारत में पहले मुगल शासक बाबर के समय से ही हो गई थी।
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इसके बाद जितने भी शासक रहे सभी किले या महल में हरम जरूर रखते थे। लेकिन औरंगजेब सभी सभी मुगल शासकों में सबसे अलग था।
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औरंगजेब कट्टरपंथी था, रूढ़िवादी था और अपने धर्म के प्रति समर्पित था। उसे यह हरम प्रथा पसंद नहीं आई, और इसे बंद करवा दिया।
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हरम में उसकी ज्यादा चलती थी, जो बादशाह की ज्यादा अजीज हुआ करती थी। बादशाह के अलावा यदि कोई पुरुष हरम में जाने की गुस्ताखी करे तो उसे सजाए मौत दी जाती थी।
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