Jun 23, 2023
अगर आप भी इस बात से परेशान हैं कि आपके बच्चे से ज्यादा उसके स्कूल बैग का वजन है, तो सरकारी की नई गाइडलाइंस के बारे में आज जरूर जान लीजिए।
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बच्चों व उनके माता पिता की इस तकलीफ को समझते हुए कर्नाटक सरकार ने अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने बच्चों पर से बस्ते का बोझ कम करने के लिए सभी स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
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स्कूल बैग का बच्चे के शरीर की अपेक्षा भारी होना काफी लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। बच्चे स्कूल बैग में करिकुलम के अनुसार, किताबों के अलावा खाना, पानी या मंगाई गई एसेसरीज रखते हैं।
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राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, बच्चों के स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
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कर्नाटक राज्य सरकार के इस फैसले के बाद बच्चों के स्कूल बैग का वजन निर्धारित भार से ज्यादा नहीं हो सकता है। यदि अब भी ऐसा होता है तो स्कूल को कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
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स्कूल बैग का बढ़ता वजन काफी लंबे समय से चर्चा में है, इस संबंध में कई सर्वे और स्टडी की गई, इन्हीं का का हवाला देते हुए स्कूल बैग पॉलिसी तैयार की गई है।
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बैग का वजन कितना है या बच्चे का बजन कितना है? इसके लिए पॉलिसी में कहा गया है कि स्कूल को वेइंग मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसे भार लेेने की मशीन भी कहते हैं।
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इस पॉलिसी के अनुसार, बच्चों के क्लास के हिसाब से स्कूल बैग मंगवाने की जरूरत है यानी बैग में क्या क्या होना चाहिए, यह भी निर्धारित होना चाहिए।
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इसमें कोई संदेह नहीं कि अभी एक राज्य सरकार ने ऐसा किया है, तो जल्द ही बाकी की सरकारें या केंद्र सरकार भी इस तरह का निर्णय ले सकती है, लेकिन यह पॉलिसी देशभर में कब लागू होगी अभी इस पर कोई जानकारी नहीं है।
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