रेड और ब्लू ट्रेन में क्या होता है अंतर, नहीं जाना तो पछताएंगे

Aditya Singh

Aug 31, 2024

लाखों लोग करते हैं ट्रेन में सफर

भारत में रोजाना लाखों लोग ट्रेन में सफर करते हैं। वहीं रोजानों 22 हजार से अधिक ट्रेन संचालित की जाती हैं।

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आप सभी बैठे होंगे

ऐसे में लगभग आप सभी ने अब तक ट्रेन में सफर किया होगा।

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क्या होता है रेड और ब्लू ट्रेन में अंतर

सफर के दौरान आपने रेड कोच और ब्लू कोच वाली ट्रेन देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं रेड और ब्लू कोच वाली ट्रेन में क्या अंतर होता है।

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नहीं जाना तो पछताएंगे

यदि आप भी नहीं जानते हैं कि रेड और ब्लू ट्रेन में क्या अंतर होता है तो यहां जान लीजिए। अन्यथा आपको पछताना पड़ेगा।

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नीले और लाल रंग के कोच को क्या कहते हैं

बता दें ट्रेन के नीले रंग के कोच को ICF यानी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री कहते हैं। जबकि लाल रंह के कोच को LHB यानी लिंक हॉफमैन बुश कहते हैं।

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इंटीग्रल कोच का कारखाना

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का कारखाना तमिलनाडु के चेन्नई में है, यहां नीले रंग के कोच बनाए जाते हैं। इस फैक्ट्री की स्थापना साल 1952 में हुई थी। लोहे से बने इन कोच में एयरब्रेक का इस्तेमाल होता है।

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नीले कोच में कितनी सीटें

नीले रंग के इन कोच में 72 सीटें होती हैं। वहीं 3 एसी में कुल 64 सीटों की जगह होती है।

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लाल रंग का कोच बनाने की फैक्ट्री

वहीं लाल रंग के कोच यानी लिंक हॉफमैन बुश को बनाने की फैक्ट्री पंजाब के कपूरथला में है। यह कोच स्टेनलेस स्टील होते हैं। इसमें डिस ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है।

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कब किया जाता है ओवरहॉलिंग

इन कोच को 1 साल में एक बार ओवरहॉलिंग की जरूरत पड़ती है।

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