नवरत्न और महारत्न सरकारी कंपनी में क्या है अंतर, जानें कैसे मिलती है नौकरी
Ravi Mallick
सरकारी कंपनियां
देश में कई सरकारी कंपनियां हैं। इन कंपनियों को केंद्र सरकार के अधीन आने वाले मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है।
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केंद्र सरकार की मान्यता
केंद्र सरकार की ओर से कई कंपनियों को महारत्न और नवरत्न का दर्जा दिया गया है।
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नवरत्न किसे कहते हैं?
किसी कंपनी को नवरत्न कम्पनी का दर्जा तभी मिलता है जब वह पहले से ही मिनीरत्न कम्पनी की कैटेगरी 1 में रजिस्टर्ड हो।
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कैसे मिलता है दर्जा?
नवरत्न कंपनियों को यह दर्जा देने की शुरुआत साल 1997 में हुई थी। इसके लिए नेटवर्थ, नेट प्रॉफ़िट समेत कई बिंदुओं में 60% अंक मिलना जरूरी है।
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महारत्न कंपनी
महारत्न कंपनी बनने के लिए किसी कंपनी का पहले से नवरत्न कंपनी होनी जरूरी है।
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क्या है शर्त?
महारत्न कंपनी का औसत शुद्ध लाभ (PAT) तीन साल तक कम से कम 5,000 करोड़ रुपये होना चाहिए।
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टॉप नवरत्न कंपनियां
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) टॉप कंपनियों में शामिल है।
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महारत्न कंपनियां
भारत हैवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (BHEL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) जैसी कंपनियां महारत्न कैटेगरी में हैं।
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कैसे मिलती है जॉब?
महारत्न और नवरत्न कंपनियों की तरफ से समय-समय पर विभिन्न पदों पर भर्तियां निकलती रहती हैं।
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