DM और कलेक्टर में क्या होता है अंतर, जानें कौन सा पद है ज्यादा पावरफुल

Kuldeep Raghav

Jul 17, 2024

डीएम और कलेक्टर

क्या आप जानते हैं कि डीएम यानि जिलाधिकारी और जिला कलेक्टर में क्या अंतर होता है। अगर नहीं तो आप हम आपका कंफ्यूजन दूर करने वाले हैं।

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नवोदय में दाखिले शुरू

समझें ये अंतर

भारत के आजाद होने से पहले न्‍याय शक्ति और कार्यकारी शक्ति – दोनों एक ही व्‍यक्ति के पास होती थी। आजादी के बाद संव‍िधान के आर्टिकल 50 के तहत पब्लिक सर्विस को अलग किया गया।

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बदल गए कार्यक्षेत्र

डीएम को कार्यशक्ति दण्‍ड प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 से दी गई। जबकि कलेक्‍टर को भूमि राजस्‍व संहिता (Land Revenue Code), 1959 से मिलती है।

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कौन होता है कलेक्टर

किसी भी ज़‍िले में राजस्‍व प्रबंधन से जुड़ा सबसे बड़ा अधिकारी डिस्ट्रिक्‍ट कलेक्‍टर ही होता है।

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कौन होता है डीएम

डीएम किसी भी ज़‍िले का सर्वोच्‍च कार्यकारी मजिस्‍ट्रेट अधिकारी है और उनकी जिम्‍मेदारी ज़‍िले में प्रशासन‍िक व्‍यवस्था बनाए रखने की होती है।

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दोनों होते हैं आईएएस

डिस्ट्रिक्‍ट मज‍िस्‍ट्रेट या कलेक्टर, दोनों ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी होते हैं।

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अक्सर रहता है कंफ्यूजन

अधिकतकर लोग डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट यानी डीएम और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (डीसी) के अंतर को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं।

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कितनी होती है सैलरी

आईएएस की सैलरी सभी भत्ते मिलाकर 1 लाख रुपये प्रतिमाह से शुरू होती है।

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अन्य सुविधाएं

इसके अलावा इन्‍हें बंगला, गाड़ी, सुरक्षा गार्ड, मेडिकल, फोन आदि की सुविधा भी मिलती है।

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