Jul 17, 2024
क्या आप जानते हैं कि डीएम यानि जिलाधिकारी और जिला कलेक्टर में क्या अंतर होता है। अगर नहीं तो आप हम आपका कंफ्यूजन दूर करने वाले हैं।
Credit: Instagram
भारत के आजाद होने से पहले न्याय शक्ति और कार्यकारी शक्ति – दोनों एक ही व्यक्ति के पास होती थी। आजादी के बाद संविधान के आर्टिकल 50 के तहत पब्लिक सर्विस को अलग किया गया।
Credit: Instagram
डीएम को कार्यशक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 से दी गई। जबकि कलेक्टर को भूमि राजस्व संहिता (Land Revenue Code), 1959 से मिलती है।
Credit: Instagram
किसी भी ज़िले में राजस्व प्रबंधन से जुड़ा सबसे बड़ा अधिकारी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ही होता है।
Credit: Instagram
डीएम किसी भी ज़िले का सर्वोच्च कार्यकारी मजिस्ट्रेट अधिकारी है और उनकी जिम्मेदारी ज़िले में प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने की होती है।
Credit: Instagram
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या कलेक्टर, दोनों ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी होते हैं।
Credit: Instagram
अधिकतकर लोग डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी डीएम और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (डीसी) के अंतर को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं।
Credit: Instagram
आईएएस की सैलरी सभी भत्ते मिलाकर 1 लाख रुपये प्रतिमाह से शुरू होती है।
Credit: Instagram
इसके अलावा इन्हें बंगला, गाड़ी, सुरक्षा गार्ड, मेडिकल, फोन आदि की सुविधा भी मिलती है।
Credit: Instagram
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स