इनमें सैनिक, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी, देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी, दिव्यांग व्यक्ति और 80 से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं।
Credit: iStock
डाक मतदान की शुरुआत
इस समस्या के समाधान के लिए चुनाव आयोग ने Postal Ballot या डाक मतदान की शुरुआत की थी।
Credit: iStock
निर्धारित संख्या
चुनाव आयोग पहले ही चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या को निर्धारित कर लेता है।
Credit: iStock
पोस्टल बैलेट
फिर खाली डाक मतपत्र को डाक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऐसे मतदाता तक पहुंचाया जाता है।
Credit: iStock
सक्षम अधिकारी को लौटाया जाता है मतदान
मतदाता द्वारा वोट देकर इस डाक मतदान को वापस चुनाव आयोग के सक्षम अधिकारी को लौटा दिया जाता है।
Credit: iStock
ईवीएम
भारत में आजकल ईवीएम या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से ही वोट डाले जाते हैं। यह एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग मतदाताओं के वोट को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डालने के लिए किया जाता है।
Credit: iStock
मतदान केंद्र पर होना होगा उपस्थित
पोस्टल बैलेट के विपरीत, ईवीएम में मतदाता को अपना वोट डालने के लिए मतदान केंद्र में उपस्थित होना पड़ता है।
Credit: iStock
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स
Next: विधायक बनने के लिए क्या होती है योग्यता, जानें MLA को कितनी मिलती है सैलरी