Jul 3, 2024
हालांकि अंतरिक्ष में जाने वालों को एस्ट्रानॉट या खगोलयात्री या अंतरिक्ष यात्री भी कहा जाता है। इनका काम रिसर्च करना और सैंपल लेना होता है।
Credit: canva
अब यदि इन अंतरिक्ष यात्रियों की मिशन के बीच में मौत हो जाए, तो इनकी बॉडी का क्या होगा, कभी सोचा है इस बारे में?
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इनकी बॉडी को धरती पर लाया जाएगा या वहीं दाह संस्कार की कोई प्रक्रिया अपनाई जाएगी। चलिए जानते हैं इस इंस्ट्रेस्टिंग फैक्ट के बारे में
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अगर किसी की मृत्यु पृथ्वी की निचली कक्षा में होती है - जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर - तो चालक दल कुछ घंटे में शव को कैप्सूल में रखकर धरती पर वापस ला सकता है।
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astronomy.com के अनुसार, अगर किसी की मौत चंद्रमा पर होती है, तो ऐसे में चालक दल कुछ दिनों बाद ही शव को लेकर घर लौट सकेगा।
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यानी साफ है कि इस तरह के स्पेस मिशन में एक मानव के आकार का एक कैप्सूल डिजाइन बॉक्स होता है, जिसमें शव को काफी समय तक रखा जा सकता है।
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academicminute.org के अनुसार, यदि मंगल ग्रह की यात्रा के दौरान किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु होती है, तो चालक दल पृथ्वी पर जल्दी वापस नहीं आ पाएगा
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इस स्थिति में उसे मिशन की अवधि पूरा करनी पड़ेगी, लेकिन कैप्सूल उस बॉडी को खराब भी नहीं होने देगा।
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मानव रहित स्पेस मिशन पिछले 60 सालों से चल रहे हैं और astronomy.com के अनुसार, अब तक 20 लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें से 14 लोग तो 1986 में मारे गए थे।
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आखिर में यह भी जान लें कोई भी स्पेस एजेंसी एस्ट्रानॉट को अंतरिक्ष में भेजने से पहले प्रॉपर मेडिकल चेकअप करती है, और पूरी तरह से पाए गए फिट लोगों को ही मिशन के लिए चुना जाता है।
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