Apr 7, 2024

​​सूर्य ग्रहण कितने प्रकार का होता है? जानें कौन सा सबसे दुर्लभ​

अंकिता पांडे

​इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।​

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​​​सूर्य ग्रहण का समय​

​भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9:12 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन रात 1: 20 मिनट पर होगा।​

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सूर्य ग्रहण की वजह

बता दें कि सूर्य ग्रहण (Surya Grahan), सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने के कारण लगता है।

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​​​सूर्य ग्रहण के प्रकार​

​सूर्य ग्रहण भी मुख्य रूप से चार तरह का होता है। यह इस प्रकार है: आंशिक, पूर्ण, वलयाकार और हाइब्रिड।​

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​​आंशिक सूर्य ग्रहण​

​चांद जब सूर्य के एक हिस्से को पूरी तरह से ढक देता है, तब आंशिक सूर्य ग्रहण लगता है। ​

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​​पूर्ण सूर्य ग्रहण​

​जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट होता है।​

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​​वलयाकार सूर्य ग्रहण ​

​वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है। वहीं, सूर्य रिंग आफ फायर जैसा प्रतीत होता है ​

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​​हाइब्रिड सूर्यग्रहण​

​हाइब्रिड सूर्यग्रहण में तीन तरह के ग्रहण दिखाई देते हैं, जिसमें पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण हैं। ​

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​​सबसे दुर्लभ ग्रहण​

​हाइब्रिड सूर्यग्रहण को बहुत दुर्लभ माना जाता है क्योंकि यह पृथ्वी के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह दिखाई देता है।​

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