ISRO की नौकरी छोड़, पास की सिविल सर्विसेज, बताया सफलता का मंत्र
नीलाक्ष सिंह
ISRO की छोड़ा जॉब ऑफर
ISRO चंद्रयान व आदित्य एल1 मिशन की वजह से काफी चर्चा है। ISRO में नौकरी ढूंढने वालों की कमी नहीं है, लेकिन Tripti Bhatt ने ISRO की नौकरी छोड़ सिविल सर्विसेज को चुना।
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सिविल सर्विसेज के लिए था जुनून
तृप्ति भट्ट (Tripti Bhatt) में सिविल सर्विसेज को लेकर ऐसा जुनून था, कि उन्होंने पहले प्रयास में ही सिविल सर्विसेज क्रैक करके लोगों के लिए मिसाल कायम किया।
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दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा
सिविल सर्विसेज का आयोजन यूपीएससी कराती है, Tripti Bhatt ने दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत नहीं बल्कि सटीक रणनीति का भी इस्तेमाल किया।
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सफलता का मंत्र
उनकी सटीक रणनीति का ही नतीजा रहा कि जहां लोगों को सिविल सर्विसेज निकालने में कई साल लग जाते हैं, Tripti ने पहले प्रयास में कर दिखाया।
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साधारण परिवार से हैं तृप्ति
मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली तृप्ति भट्ट एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
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मैकेनिकल इंजीनियरिंग की रहीं है छात्रा
Tripti Bhatt ने पंतनगर यूनिवर्सिटी से 2010 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया, अपनी शानदार रिकॉर्ड की वजह से उन्हें कैंपस प्लेसमेंट मिला।
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साइंटिस्ट का जॉब ऑफर
एक इंटरव्यू के अनुसार, उन्हें इसरो से साइंटिस्ट का जॉब ऑफर हुआ, लेकिन उन्होंने NTPC में नौकरी ज्वाइन की। नौकरी के साथ साथ उन्होंने सिविल सर्विसेज की भी तैयारी की।
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पहले प्रयास में बनीं IPS
Tripti Bhatt का जब सिविल सर्विसेज में सेलेक्शन हुआ तब वे NTPC में नौकरी कर रही थी। वो 165वीं रैंक के साथ IPS के पद पर तैरान हुईं।
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गोल्ड मेडलिस्ट
तृप्ति नेशनल लेवल मैराथन रेस में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का राज खुद पर भरोसा बताया।
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