देश का अनोखा स्कूल, जहां दोनों हाथ से लिखते हैं बच्चे
नीलाक्ष सिंह
देश का अनोखा स्कूल
क्या आपने देश के ऐसे अनोखे स्कूल के बारे में सुना है, जहां पढ़ने वाले बच्चे दोनों हाथ से लिखते हैं? जी हां उत्तर भारत के इस स्कूल में कुछ ऐसा ही कारनामा होता है।
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एमपी में है स्कूल
हम जिस अनोखे स्कूल की बात कर रहे हैं यह मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में कमाल का टैलेंट हैं, वे अपने दोनों हाथों से लिख सकते हैं।
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दोनों हाथों में गजब का तालमेल
देश के इस अनोखे स्कूल की खासियत यह है कि यहां के बच्चे एक ही समय पर दोनों हाथ से लिख सकते हैं, इनके दोनों हाथ का तालमेल देखकर आप हैरान रह जाएंगे।
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स्कूल का नाम
मध्य प्रदेश के इस स्कूल का नाम वीना वादिनी पब्लिक स्कूल बताया गया है। कमाल की बात यह है कि यहां छोटे से छोटे बच्चे में भी इस तरह का कारनामा कर सकते हैं।
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100 से ज्यादा बच्चे
हम जिस स्कूल की बात कर रहे हैं, यहां दोनों हाथ से लिखने वाले बच्चे 1 या 2 नहीं बल्कि 100 से भी ज्यादा हैं। यही कला इस स्कूल को देश के अनोखे स्कूल में शुमार करती है।
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1999 में हुई शुरुआत
एमपी के सिंगरौली के बुढेला वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल की शुरुआत वीरंगत शर्मा ने साल 1999 में की थी। उन्हें यह आइडिया देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में स्टडी करके आया था।
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कैसे हुई स्कूल की शुरुआत
वीरंगत शर्मा ने राजेंद्र प्रसाद के बारे में काफी पढ़ा, फिर उन्होंने इस ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए ही स्कूल की शुरुआत की। स्कूल में बच्चों के साथ इस प्रयोग से स्कूल जल्द ही प्रसिद्ध हो गया।
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मिल चुका है सम्मान
देश के इस अनोखे स्कूल को कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। हालांकि इस स्कूल की कुछ अन्य खासियत भी है, जिसके लिए यह लोकप्रिय है जैसे यहां बच्चों को व्यायाम के महत्व को भी प्रैक्टिकली समझाया जाता है।
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सीख रहे हैं दूसरी भाषाएं
इस स्कूल के अन्य खासियत की बात करें तो यहां के बच्चे दूसरी भाषाओं का अनुवाद भी सीख रहे हैं और यह उन्हें लिख भी सकते हैं।
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