बेटे की जान बचाने के लिए इस मुगल बादशाह ने दिए अपने प्राण

Neelaksh Singh

Aug 1, 2024

भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना

बाबर, जिसने भारत में 1526 में मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी, बाबर को भारत में पहला मुगल शासक माना जाता है।

Credit: canva-pixabay

1.3 करोड़ का मिला पैकेज

मुगल बादशाह की बेगम व औलादें

वैसे तो मुगल बादशाहों की कई बेगमें व कई औलादें हुआ करती थीं, लेकिन तख्त पर बैठने वाला कोई एक ही होता है।

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रेलवे में 7951 पदों पर भर्ती

बाबर का बेटा हुमायूं

बाबर के भी कई बेटे थे, जिनमें से सबसे बड़ा था हुमायूं, इसी तरह हुमायूं का बेटा अकबर, अकबर का बेटा जहांगीर

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मुगल शासक व उनके वंशज

जहांगीर का बेटा शाहजहां, शहजहां का बेटा औरंगजेब इसी तरह यह सिलसिला सालों साल चलता रहा।

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हुमायूं को हुआ रहस्यमयी बुखार

एक बार बाबर के बड़े व प्यारे बेटे हुमायूं की तबियत इस कदर खराब हो गई, कि सबको लगा वो नहीं बचेगा। जबकि वह मुगल विरासत का उत्तराधिकारी था।

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चिकित्सकों से भी नहीं हुआ ठीक

दरबारी चिकित्सकों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, बुखार कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा था।

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मुगल साम्राज्य था विकास की ओर

इसके बाद मुगल सम्राट बाबर ने अपने प्यारे बेटे हुमायूं की जान बचाने के लिए प्रार्थना की। यह वो दौर था जब मुगल साम्राज्य अभी भी अपने विकास के चरण में था।

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जब अनुष्ठान का लिया सहारा

अंत में बाबर ने प्राचीन अनुष्ठान का सहारा लिया, जिसमें उसने अपने जीवन को दांव पर लगाने का अंतिम निर्णय लिया।

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जान के बदले जान

उसने कहा कि अगर जान के बदले जान मिल सकती है, तो वह अपने सबसे प्यारे बेटे हुमायूं की जान के बदले में अपनी जान दे देगा।

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हुमायूं के बदले दी अपनी जान

इस अनुष्ठान के बाद से हुमायूं की तबियत में जैसे जैसे सुधार होता गया, बाबर की तबियत बिगड़ती गई, और अं​त में बाबर ने प्राण त्याग दिए।

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