Oct 30, 2023
हम APJ Abdul Kalam की बात कर रहे हैं, जिनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
Credit: bccl
APJ Abdul Kalam के पिता पेशे से नाविक थे, वे मछुआरों को नाव किराए पर देते थे, वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, न ही पर्याप्त कमाई थी, ऐसे में कलाम सहित सभी बच्चों की परवरिश करना कठिन था।
Credit: bccl
परिवार को चलाने के लिए पिता को आर्थिक सपोर्ट करने के लिए APJ Abdul Kalam ने शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार बेचने का काम भी किया, ताकि कम से कम अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाल सकें।
Credit: bccl
अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि उन्होंने किस हद तक मेहनत की होगी, एक दिन वे देश के राष्ट्रपति बने। कलाम 2002 से 2007 तक 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की।
Credit: bccl
कलाम ने 1962 में इसरो ज्वॉइन किया, इन्हीं के सामने पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया गया। इन्होंने स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया। इन्होंने भारतीय तकनीक से अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें बनाईं।
Credit: bccl
1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया। उसी समय अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया।
Credit: bccl
इन्हीं के नजर में 1985 में त्रिशूल फिर फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण किया गया।
Credit: bccl
1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर काम शुरू किया और ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई।
Credit: bccl
ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र कहीं भी दागा जा सकता है। इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
Credit: bccl
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स