करोड़ों की भीड़ में सूरज सा चमकना है तो गांठ बांध लें संस्कृत के ये 7 श्लोक, हो जाएंगे सफल

Aditya Singh

Oct 13, 2024

संस्कृत के श्लोक

संस्कृत के श्लोक का उच्चारण करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।

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श्लोक को कंठस्थ करना

कहा जाता है कि जिस प्रकार विद्यालय में पढ़ाई शुरू करने से पहले गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाता है। ठीक उसी प्रकार इन श्लोकों को भी कंठस्थ करना अच्छा माना जाता है।

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गांठ बांध लें ये श्लोक

ऐसे में यदि आपको भी करोड़ों की भीड़ में सूरज सा चमकना है तो संस्कृत के इन श्लोकों को गांठ बांध लें।

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संस्कृत के 7 श्लोक

यहां हम आपके लिए संस्कृत के 7 श्लोक लेकर आए हैं। स्टूडेंट्स इन श्लोकों को अपने जीवन में लागू कर सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं।

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विद्यार्थी पंचलक्षणम्

काक: चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम् ॥

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वसुधैवकुटम्बकम्

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैवकुटम्बकम्॥

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विद्यां ददाति विनयं

विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥

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विद्वानेवोपदेष्टव्यो

विद्वानेवोपदेष्टव्यो नाविद्वांस्तु कदाचन । वानरानुपदिश्याथ स्थानभ्रष्टा ययुः खगाः ॥

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सुलभा: पुरुषा: राजन्‌

सुलभा: पुरुषा: राजन्‌ सततं प्रियवादिन: । अप्रियस्य तु पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभ:।।

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