Mar 5, 2024
कम उम्र के बच्चों को भी ढेर सारी पुस्तकें थमा दी जाती हैं जिस वजह से उनके बैग का वजन बढ़ जाता है।
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क्या आप जानते हैं कि बच्चों के स्कूल बैग का वजन कितना होना चाहिए।
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स्कूली बच्चों के बस्ते के वजन की समस्या को सबसे पहले बार 1993 में यशपाल कमिटी ने उठाया था। कमिटी ने प्रस्ताव रखा था कि पाठ्यपुस्तकों को स्कूल की संपत्ति समझा जाए और बच्चों को स्कूल में ही किताब रखने के लिए लॉकर्स अलॉट किए जाए।
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केंद्रीय विद्यालय में पहली और दूसरी क्लास के बच्चों के बस्ते का वजन 2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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KV में तीसरी और चौथी क्लास के बच्चों का बस्ते का वजन 3 किलोग्राम से कम होना चाहिए। 5वीं से 8वीं तक के छात्रों के बस्ते का वजन 4 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत कुछ बदलाव किए गए हैं। बच्चों पर स्कूल बैग का बोझ भी कम होगा।
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नियमानुसार, नर्सरी से दूसरी कक्षा के बच्चों को होम वर्क नहीं देना होगा। इसके साथ ही बच्चों के बैग की अधिकतम वजन की सीमा 2.2 किलो से ज्यादा नहीं होगी।
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अंतरराष्ट्रीय नियम के मुताबिक, बच्चों के कांधे पर उनके कुल वजन से 10 फीसदी ज्यादा वजन नहीं होना चाहिए।
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जैसे अगर बच्चे का वजन 20 किलोग्राम है। इसका 10 फीसदी हुआ 2 किलोग्राम।
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