Dec 16, 2022
By: प्रशांत श्रीवास्तव27 साल के ऋषि राजपोपत कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में PHD के छात्र हैं । और वह पाणिनी कोड पर काम कर रहे थे।
पाणिनी व्याकरण को आष्टाध्यायी भी कहा जाता है। जो कि 500 ईसा पूर्व उन्होंने लिखी थी और दुनिया भर के लिए अबूझ पहेली बनी हुई थी।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने अपने लेख में लिखा है कि भाषा के पितामह कहे जाने वाले पाणिनी के व्याकरण पहेली 2500 साल से अबूझ बनी हुई थी। जिसे आज तक कोई नहीं सुलझा पाया था।
इस खोज के किसी भी संस्कृत शब्द को डिराइव करना आसान होगा और लाखों 'मंत्र' और 'गुरु' सहित लाखों शब्द का सही व्याकरण तैयार हो सकेगा।
इस खोज के बाद पाणिनि का व्याकरण पहली बार कंप्यूटर को इस व्याकारण को समझाना संभव हो सकेगा।
ऋषि राजपोपत ने कहा कि वह लंबे समय इस प्रॉब्लम को सुलझाने में लगे हुए थे लेकिन काफी प्रयासों के बाद सफलता नहीं मिलने पर वह निराश हो गए थे।
ऋषि राजपोपत ने बताया कि निराश होकर वह ब्रेक पर चले गए थे। लेकिन जब वह लौटकर आए तो अचानक पहेली सुलझने लगी और सब कुछ क्लीयर हो गया। हालांकि फाइनल होने में अभी ढाई साल का समय लगेगा।
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