Sep 22, 2024
Credit: Canva
मुझे सफलताओं से मत आंकिए। बल्कि जितनी बार गिरा हूं और गिरकर उठा हूं उस बल पर आंकिए।
हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए और हमेशा यह याद रखना चाहिए कि सही करने के लिए समय हमेशा परिपक्व होता है।
शत्रु के साथ अगर आपको शांति चाहिए, तो आपको अपने शत्रु के साथ काम करना होगा। फिर वह आपका साथी बन जाएगा।
जब तक काम खत्म ना हो जाये उसे करना असंभव लगता है।
एक ऐसा इंसान जो दूसरे इंसान की आजादी को छीन लेता है वह घृणा का कैदी होता है।
मनुष्य की अच्छाई उस लौ के समान है जिसे छुपाया तो जा सकता है, लेकिन कभी बुझाया नहीं जा सकता।
मैं कभी असफल नहीं होता, मैं या तो जीतता हूं या फिर सीखता हूं।
जब लोग ठान लेते हैं, तो वे कुछ भी कर सकते हैं।
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