Aug 22, 2024
भारत 23 अगस्त, 2024 को पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा। इसका विषय है "चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा भेजा गया चंद्रयान 3 चंद्रमा 23 अगस्त 2023 को ही चंद्रमा पर उतरा था।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो दिवस और चंद्रयान-3 की चर्चा के बीच युवा जानना चाहते हैं कि इसरो में नौकरी कैसे मिलती है और स्पेस वैज्ञानिक कैसे बना जाता है।
Credit: Instagram/Pixabay
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 में मशहूर वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई के प्रयासों के द्वारा हुई थी।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो आमतौर पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी के साथ पेशेवरों की भर्ती करता है।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो में स्पेस साइंटिस्ट की नौकरी मिलती है। इस पद के लिए आपको इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होगा। स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए तीन साल का बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स होते हैं।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में ये कोर्स कराए जाते हैं। संबंधित डिग्री लेने के बाद इसरो द्वारा समय समय पर भर्ती निकाली जाती है। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।
Credit: Instagram/Pixabay
इसरो के वैज्ञानिक को सभी भत्ते लाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रुपये सैलरी मिलती है।
Credit: Instagram/Pixabay
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स