Jan 23, 2024
इनका नाम है नैना जयसवाल, जो न सिर्फ देश की सबसे कम उम्र की महिला पीएचडी धारक हैं।
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नैना जयसवाल ने सिर्फ रिकार्ड समय में अपनी शिक्षा पूरी की, वे टेबल टेनिस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियन के रूप में भी पहचान बना चुकी हैं।
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हैदराबाद की नैना जयसवाल में कम उम्र में ही प्रतिभा के लक्षण दिखने लगे थे।
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8वीं जैसे जिस उम्र में दूसरे बच्चे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं, वहीं नैना ने बोर्ड परीक्षा दी थी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नैना जयसवाल ने 8वीं की उम्र में 10वीं की परीक्षा दी जबकि 10वीं की उम्र में इंटरमीडियट पूरा कर लिया।
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इसके बाद उन्होंने 13 साल की उम्र में ग्रेजुएट पूरा किया।
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नैना ने तब एशिया की सबसे कम उम्र की स्नातकोत्तर का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जब उन्होंने महज 15 साल की उम्र में हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री पूरी की।
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लेकिन नैना यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने महज 17 साल की उम्र में पीएचडी शुरू की और 22 साल की उम्र में भारत की सबसे कम उम्र की डॉक्टरेट डिग्री धारक बन गईं।
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उनका शोध प्रबंध महिला सशक्तीकरण में माइक्रोफाइनेंस के योगदान पर था। इसके अलवा नैना बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं।
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वे टेबल टेनिस की खिलाड़ी हैं, वे राष्ट्रीय और दक्षिण एशियाई चैंपियन हैं। उन्होंने घरेलू और विदेशी टूर्नामेंटों में कई पदक जीते हैं।
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