कितने पढ़े लिखे थे मुनव्वर राणा, मां पर लिख डालीं हजारों शायरियां

कुलदीप राघव

Jan 15, 2024

नहीं रहे मुनव्वर राना

उर्दू साहित्य के मशहूर साहित्यकार मुनव्वर राना नहीं रहे। 71 साल की उम्र में उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में आखिरी सांस ली।

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क्या थी समस्या

उन्हें किडनी की समस्या थी, जिसकी वजह से 9 जनवरी को उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया था।

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कब हुआ जन्म

26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम हैं।

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मिले सम्मान

उन्हें साहित्य अकादमी और माटी रतन सम्मान के अलावा कविता का कबीर सम्मान, अमीर खुसरो अवार्ड, गालिब अवार्ड आदि से नवाजा जा चुका है।

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लिखीं पुस्तकें

इसके अलावा उनकी दर्जन भर से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें मां, गजल गांव, पीपल छांव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया आदि शामिल हैं।

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कहां से ली शिक्षा

मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई।

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पिता आए थे भारत

भारत विभाजन के बाद उनके अधिकांश रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए थे, तब उनके पिता पिता भारत आए थे।

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