May 16, 2024
जी हां करीबन दो साल पहले माधव शरण कोमा में थे। उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसकी वजह से कई दिनों तक कोमा में रहना पड़ा था।
Credit: canva
माधव शरण एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, पुष्प विहार, नई दिल्ली के छात्र हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष है।
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ब्रेन हैमरेज की वजह से उनकी सोचने समझने की शक्ति प्रभावित हुई, बावजूद इसके उन्होंने ऐसा दृढ़ संकल्प लिया कि 93% अंक लाकर सभी को हैरान कर दिया।
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कोमा से निकलने के बाद भी जीवन आसान नहीं रहा, ब्रेन हैमरेज की वजह उनके दिमाग का 1/3 हिस्से ने सही से काम करना छोड़ दिया था।
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माधव शरण को पढ़ने लिखने के अलावा समझने में भी दिक्कत थी, लेकिन इन्होंने अपने मजबूत इरादों से हर चुनौतियों को झुकाया।
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हालांकि इस बीच कई गंभीर सर्जरी हुई, महीनों बाद स्कूल का मुंह देखा, उनकी स्कूली लाइफ किसी दूसरे छात्र जैसे सामान्य नहीं बची थी।
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माधव शरण ने बोलने और सोचने की क्षमता कम हो जाना और शरीर के कई हिस्सों का सही तरीके से काम नहीं करना, तमाम मुश्किलें झेलीं।
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माधव शरण आज लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं, उन्होंने छोटी सी उम्र से बड़ी बात सिखा दी कि बड़े लक्ष्यों को छोटे छोटे कदमों से पूरा किया जा सकता है।
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धीरे-धीरे हर चीज का अभ्यास किया, बोलने का, लिखने का, चलने का, पढ़ाई में फोकस बढ़ाया, नतीजा यह रहा कि सीबीएससी बोर्ड में 500 में से 465 अंक अर्जित किए।
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