Jun 22, 2023
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस में प्रचारक अहम होते हैं। संघ के विभिन्न दायित्वों पर प्रचारक होते हैं।
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आरएसएस का मुखिया सरसंघचालक होता है। इस समय डॉ. मोहन भागवत आरएसएस प्रमुख हैं।
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आरएसएस की सबसे छोटी इकाई खंड होती है, उसके बाद नगर, फिर जिला, विभाग, प्रांत और क्षेत्र होते हैं।
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खंड, नगर, जिला, विभाग, प्रांत और क्षेत्र पर प्रचारकों की नियुक्ति होती है इन्हें खंड प्रचारक, जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक, प्रांत प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक कहते हैं।
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प्रतिवर्ष होने वाली योजना बैठक में प्रचारकों को उनके कार्यक्षेत्र मिलते हैं। कई विभागों को मिलाकर एक प्रांत बनता है और उस प्रांत का मुखिया प्रांत प्रचारक होते है।
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कुछ प्रांतों को मिलाकर एक क्षेत्र बनता है और क्षेत्र का मुखिया क्षेत्र प्रचारक होता है।
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प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक को रिपोर्ट करते हैं। इनका काम संघ और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यक्रमों का सही तरीके से संचालन, और उनका अवलोकन करना होता है।
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प्रचारकों का दखल भाजपा में भी रहता है। लोकसभा और विधानसभा में टिकट वितरण से लेकर संगठन में पद दिलाने में इन दोनों की अहम भूमिका रहती है।
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यही वजह है कि भाजपा के दिग्गज नेता, मंत्री, एमपी, एमएलए इनके आगे पानी भरते नजर आते हैं।
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