देश की पहली महिला जज, वकालत से शुरुआत कर न्यायाधीश की कुर्सी तक पहुंचीं

कुलदीप राघव

Jul 7, 2023

जस्टिस अन्ना चाण्डी

जस्टिस अन्ना चाण्डी भारत की पहली महिला जज थीं। अन्ना चाण्डी का जन्म 4 मई, 1905 में केरल के त्रिवेंद्रम में हुआ था।

Credit: Social-Media/Wikipedia

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लॉ डिग्री लेने वाली राज्य की पहली महिला

1926 में अन्ना चांडी ने कानून में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। बड़ी बात ये है कि उस दौर में अन्ना लॉ की डिग्री लेने वालीं केरल की पहली महिला थीं।

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केरल हाईकोर्ट की जज

चाण्डीभारत के किसी हाई कोर्ट की पहली महिला जज भी बनीं। साल 1959 में अन्ना चाण्डी को केरल हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। इस पद पर वह 1967 तक रहीं।

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बैरिस्टर से की शुरुआत

अन्ना ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बैरिस्टर की। 10 साल बाद 1937 में केरल के दीवान सर सीपी रामास्वामी अय्यर ने उन्हें मुंसिफ के तौर पर नियुक्त किया।

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पहले बनीं जिला जज

1948 में अन्ना चांडी का जिला जज के तौर पर प्रमोशन हो गया। इसके बाद इसके बाद 1959 में अन्ना चांडी केरल हाईकोर्ट की पहली महिला जज बन गईं।

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महिलाओं की आवाज उठाई

अन्ना रिटायरमेंट के बाद भी न्याय के लिये कर करती रहीं और बाद में लॉ कमीशन ऑफ इंडिया में नियुक्त हो गईं।

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लॉ कमीशन में हुई नियुक्त

हाई कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद चाण्डी को लॉ कमीशन ऑफ इंडिया में नियुक्त कर दिया गया।

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खुद निकाली मैगजीन

उन्होंने 'श्रीमती' नाम से एक मैगजीन निकालने का काम भी किया। इस मैगजीन में उन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।

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91 साल की उम्र में हुआ निधन

साल 1996 में केरल में 91 साल की उम्र में जस्टिस अन्ना चाण्डी का निधन हो गया।

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