Jul 25, 2023
कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम करगिल युद्ध के उन जवानों में शामिल थे, जिन्होंने दुश्मन को छक्के छुड़ा दिए थे। इनका जन्म 1974 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ था।
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नायब सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव घातक प्लाटून का हिस्सा थे। उन्हें टाइगर हिल पर करीब 16500 फीट ऊंची चोटी पर स्थित तीन बंकरों पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था।
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राजपुताना राइफल्स रेजीमेंट के जवान हवलदार सुल्तान सिंह नरवरिया का जन्म 1960 में मध्य प्रदेश के भिंड में हुआ था। वह छूट्टी से इमरजेंसी कॉल पर कारगिल युद्ध में गए और शहीद हुए।
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मेजर विवेक गुप्ता ने टोलोलिंग टॉप पर दुश्मन को खदेड़ने में अहम रोल निभाया। कई गोलियां लगने के बावजूद वो अपने मिशन पर आगे बढ़ते रहे।
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मनोज कुमार पांडे 1/11 गोरखा राइफल्स के जवान थे। इन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
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18 ग्रेनेडियर्स के जवान राजेश सिंह का जन्म उत्तराखंड के नैनीताल में 1970 में हुआ था। उन्हें टोलोलिंग पहाड़ी पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था।
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मुशकोह घाटी में फ्लैट टॉप ऑफ प्वाइंट 4875 पर कब्जा करने का जिम्मा उन पर था। उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए तीन घुसपैठियों को ढेर कर दिया था।
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बिहार रेजीमेंट प्रथम बटालियन के मेजर एम. सरावनन और उनकी टुकड़ी में शामिल नायक गणेश प्रसाद यादव, सिपाही प्रमोद कुमार समेत कई और जवानों ने जुब्बार पहाड़ी पर कब्जा किया।
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करगिल में दो महीने से अधिक दिन तक चले युद्ध में लांस नायक करन सिंह ने भी अहम भूमिका अदा की थी। इनका जन्म मध्य प्रदेश के भिंड में हुआ था। इन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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