जापानी स्कूलों का यह नियम पूरी दुनिया से है अलग, इसलिए स्मार्ट होते हैं वहां के बच्चे

Neelaksh Singh

Sep 10, 2024

भारत में होता है केवल किताबी अध्ययन

भारत से तुलना करने पर पाएंगे कि यहां जहां पांचवीं के बच्चों को इंग्लिश, ईवीएस, गणित जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।

Credit: canva

NASA में एस्ट्रोनॉट कैसे बने

जापान में अलग तरीके से तैयार करते हैं बच्चों को

वहीं जापान में कुछ अलग ही तरीके की पढ़ाई चलती है, जापान में शुरू से ही बच्चों को सिखाते हैं​ कि आपमें क्या मैनर होने चाहिए।

Credit: canva

क्या है मैनर्स का मतलब

यहां मैनर्स का मतलब शालीनता और शिष्टाचार से है, तो कई बार बड़े बड़े लोगों में नहीं होती, वो जापान के प्राइमरी बच्चों में भी पाई जाती है।

Credit: canva

जापानी स्कूल की भारतीय स्कूल से तुलना

भारत में इस तरह की आधिकारिक ट्रेनिंग नहीं होती, यहां ज्यादातर घरों में माता पिता या कोई बड़ा ​शिष्टाचार के बारे में समय समय पर बतलाता है।

Credit: canva

सिलेबस का ​हिस्सा है शिष्टाचार

लेकिन जापान में यह उनके सिलेबस का हिस्सा है, जहां उन्हें इसके बारे में सीखना जरूरी होता है।

Credit: canva

जापानी स्कूल के बच्चों में होता है मैनर्स

जापान में प्राइमरी क्लास के बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि चीजों को रखते कैसे हैं, हम खुद अच्छा माहौल कैसे बना सकते हैं।

Credit: canva

शुरू से सिखाते हैं समाज के बारे में

यह सब कुछ हमारे व्यवहार, सोच और कर्म पर निर्भर करता है, इसलिए जापानी बच्चों को शुरू से ही इनके बारे में जानकारी दे दी जाती है।

Credit: canva

इंडिपेंडेंट होते हैं जापानी स्कूल के बच्चे

जापान में बच्चों को इंडिपेंडेंसी के बारे में बताया जाता है, शायद इसलिए वहां हर इंसान आदमी हो या औरत अपने आप में जीवन यापन करने के लिए सक्षम है।

Credit: canva

जापान का एजुकेशन सिस्टम

स्कूल ही नहीं, उन्हें घर के कामकाज, सफाई आदि की भी आदत डलाई जाती है, बता दें, जापान का एजुकेशन सिस्टम पूरी दुनिया में सबसे अच्छे एजुकेशन सिस्टम में से एक है।

Credit: Twitter

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: स्कूल की याद दिलाती हैं ये 7 चीजें, 90's किड की आखों में आ जाएंगे आंसू

ऐसी और स्टोरीज देखें