Sep 10, 2024
भारत से तुलना करने पर पाएंगे कि यहां जहां पांचवीं के बच्चों को इंग्लिश, ईवीएस, गणित जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
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वहीं जापान में कुछ अलग ही तरीके की पढ़ाई चलती है, जापान में शुरू से ही बच्चों को सिखाते हैं कि आपमें क्या मैनर होने चाहिए।
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यहां मैनर्स का मतलब शालीनता और शिष्टाचार से है, तो कई बार बड़े बड़े लोगों में नहीं होती, वो जापान के प्राइमरी बच्चों में भी पाई जाती है।
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भारत में इस तरह की आधिकारिक ट्रेनिंग नहीं होती, यहां ज्यादातर घरों में माता पिता या कोई बड़ा शिष्टाचार के बारे में समय समय पर बतलाता है।
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लेकिन जापान में यह उनके सिलेबस का हिस्सा है, जहां उन्हें इसके बारे में सीखना जरूरी होता है।
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जापान में प्राइमरी क्लास के बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि चीजों को रखते कैसे हैं, हम खुद अच्छा माहौल कैसे बना सकते हैं।
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यह सब कुछ हमारे व्यवहार, सोच और कर्म पर निर्भर करता है, इसलिए जापानी बच्चों को शुरू से ही इनके बारे में जानकारी दे दी जाती है।
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जापान में बच्चों को इंडिपेंडेंसी के बारे में बताया जाता है, शायद इसलिए वहां हर इंसान आदमी हो या औरत अपने आप में जीवन यापन करने के लिए सक्षम है।
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स्कूल ही नहीं, उन्हें घर के कामकाज, सफाई आदि की भी आदत डलाई जाती है, बता दें, जापान का एजुकेशन सिस्टम पूरी दुनिया में सबसे अच्छे एजुकेशन सिस्टम में से एक है।
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