NASA को टक्कर दे रहा है ISRO, जानें दोनों में क्या है अंतर

Aditya Singh

Oct 21, 2023

इसरो ने गाड़ा झंडा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक के बाद एक सफलता झंडा गाड़ रहा है।

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दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश

भारत दुनिया का पहला देश है जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है।

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गगनयान का क्रू मॉडल लॉन्च

वहीं आज यानी 21 अक्टूबर को सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के क्रू मॉड्यूल को सफलता पूर्व लॉन्च किया गया है।

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इसरो की पहली टेस्टिंग

बता दें इसरो ने यह पहली टेस्टिंग की है। साल 2024 में एक और टेस्ट फ्लाइट होगी, जिसमें ह्यमेनॉयड रोबोट व्योमित्र को भेजा जाएगा।

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सफलता का परचम

ISRO एक के बाद एक सफलता का परचम दुनियाभर में लहरा रहा है।

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नासा को दे रहा कड़ी टक्कर

चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद इसरो नासा को कड़ी टक्कर दे रहा है।

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इसरो व नासा में अंतर

बता दें इसरो एक अनुसंधान संस्थान है। वहीं नासा यानी नेशनल एरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकी एजेंसी है। नासा का कार्य स्पेस यानी अंतरिक्ष से जुड़े रिसर्च करना है। इसके अलावा सिविलियन स्पेस प्रोग्राम्स और अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखना है।

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कब हुई थी इसकी स्थापना

नासा की स्थापना साल 1958 में हुई थी। नासा की सबसे बड़ी उपलब्धि चंद्रमा पर इंसानों को भेजने की है। आपको बता दें इसका सालाना बजट करीब 22,629 मिलियन डॉलर है।

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सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी

यही कारण है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में जाना जाता है।

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