आज हम जानेंगे कि इस मिशन को सफल बनाने वाले इन प्रमुख साइंटिस्ट ने आखिर किस संस्थान से पढ़ाई की है।
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एस सोमनाथ
एस सोमनाथ को बीते साल जनवरी में इसरो चीफ के पद पर नियुक्त किया गया। इसरो का मुखिया बनने से पहले एस सोमनाथ, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक थे।
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एस सोमनाथ की पढ़ाई
एस सोमनाथ ने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोल्लम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री पूरी की है।
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एम शंकरन
एम शंकरन यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) के निदेशक हैं। यह केंद्र इसरो के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अंतरिक्ष यान का निर्माण करता है।
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एम शंकरन की पढ़ाई
एम शंकरन ने 1986 में भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली से फिजिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
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डॉ. वी नारायणन
डॉ. वी नारायणन क्रायोजैनिक इंजन के विशेषज्ञ हैं। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर उन्हीं ने डिजाइन किया है।
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डॉ. वी नारायणन की पढ़ाई
डॉ. वी नारायणन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री हासिल की है। फिर उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
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डॉ उन्नीकृष्णन नायर
डॉ उन्नीकृष्णन नायर विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक हैं। नायर और उनकी टीम जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) मार्क-III के निर्माण के प्रभारी रहे थे।
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डॉ उन्नीकृष्णन नायर की पढ़ाई
डॉ उन्नीकृष्णन नायर ने केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक, आईआईएससी बेंगलुरु से एमई और आईआईटी मद्रास से पीएचडी पूरी की है।
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