Jan 17, 2024
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रहने वाले बजरंग प्रसाद 2019 में आईएएस बनने का ख्वाब लेकर दिल्ली तैयारी करने आए थे लेकिन एक साल बाद ही उनके पिता की हत्या ने बजरंग को भीतर तक हिला दिया।
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बजरंग प्रसाद के पिता ने सपना देखा था कि बेटा अधिकारी बने। इसके बाद उन्होंने पिता के कातिल दबंगों से बदला लेने के लिए यूपीएससी परीक्षा पास करने की ठानी और आईपीएस बनकर दम लिया।
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बजरंग प्रसाद ने कड़ी महंत के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 454वीं रैंक हासिल की है।
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वह बस्ती जिले के धोबहट गांव के रहने वाले है। बजरंग प्रसाद के पिता किसान थे और मां धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं। बजरंग प्रसाद की शुरुआती पढ़ाई बस्ती के बहादुरपुर से हुई है।
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साल 2014 में लिटिल फ्लॉवर स्कूल से 10वीं और 2016 में उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी से 12वीं की। इन दोनों क्लास में वे जनपद टॉपर्स रहे।
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उन्होंने प्रयागराज विश्वविद्यालय से मैथ्स से एमएससी की, इसमें भी टॉप किया। इसके बाद वह दिल्ली आ गए और यूपीएससी की तैयारी करने लगे।
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बजरंग ने विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि कोचिंग में कोचिंग की थी। जिस वक्त वह आईपीएस बने, उनकी उम्र 23 साल थी।
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हाल ही में आईपीएस बने चयनित युवाओं को कैडर आवंटित हुए हैं।
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आईपीएस अधिकारी बजरंग प्रसाद को उनका होम कैडर यानी यूपी कैडर मिला है।
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