Aug 14, 2024
Credit: Canva
आज़ादी का कोई अर्थ नहीं, अगर इसमें गलतियां करने की आज़ाद शामिल न हो।
सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है।
बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की धार पर तेज की जाती है।
जब राज्य कानूनविहीन या भ्रष्ट हो जाता है तो सविनय अवज्ञा एक पवित्र कर्तवय बन जाता है।
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहेंगे, आज़ाद ही रहेंगे।
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