Apr 22, 2023
IAS सविता प्रधान की गिनती आज बेहद तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है। मध्य प्रदेश सरकार में वह ग्वालियर संभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर हैं।
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बेहद गरीब परिवार से अफसर बनने तक का उनका सफर संघर्ष से भरा रहा है। कम उम्र में शादी हो गई। पति उन्हें बेवजह पीटा करता था। सास और ननद का व्यवहार भी बहुत बुरा था।
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उनका जन्म एमपी के मंडी नाम के गांव में एक आदिवासी और बेहद गरीब परिवार में हुआ था। ससुराल में उन्हें इतने कष्ट मिले कि वह अंडरवीयर में रोटियां छुपाकर बाथरूम में खाया करती थीं।
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वह अपने गांव की इकलौती लड़की थीं जिन्होंने 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की।
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ससुराल वालों के अत्याचार सहते-सहते सविता बीमार रहने लगी थीं। इसी बीच वह एक अस्पताल में भर्ती हो गईं। वहां उन्हें पता चला कि वह प्रेग्नेंट भी हो गई हैं। परिवार ने कहा कि बच्चा होने पर सब ठीक हो जाएगा।
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सविता पर अत्याचार होता रहा और वह दो बच्चों की मां बन गईं। इसके बाद उन्हें आत्महत्या का विचार आया और जब वह फंदे पर झूलने जा रही थीं तो सास ने देख लिया और रोकने की कोशिश नहीं की। तब सविता ने सोचा कि इनको उनके जीने मरने से कोई फर्क नहीं है।
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इसके बाद उन्होंने पढ़ाई पर फोकस किया और कमाई के लिए पार्लर वगैरह में काम भी किया। इंदौर यूनिवर्सिटी से उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया और पहले ही प्रयास में सिविल सर्विस एग्जाम निकाल लिया था।
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तरक्की देखकर उनका पति दोबारा उनकी जिंदगी में वापस लौट आया लेकिन उसका मारपीट करना जारी रहा। सविता ने ये बात अपने सीनियर्स को बताई। एक दिन पति आया और मारपीट करने लगा। तब सविता ने पुलिस को फोन कर उसे सबक सिखाया।
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इसके बाद सविता ने पति से तलाक लिया और अपने दो बेटों के खुशी-खुशी जीवन बिताने लगीं। कुछ समय बात उन्होंने डिजिटल क्रिएटर हर्ष राय गौड़ (Harsh Rai Gaur) से दूसरी शादी की।
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