Jul 5, 2024
करीब 15 साल पहले की बात है जब रिंकू सिंह राही की समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर तैनाती की गई थी।
Credit: canva
उन्होंने अपना काम बखूबी किया, जिसके चलते विभाग के 100 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ, जिसके माफिया राज ने उनकी जान लेनी चाही।
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हमले के दौरान रिंकू सिंह राही पर 7 गोली दागी गई थी, उसके बाद एक माह तक गंभीर रूप से इलाज चलता रहा।
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अब रिंकू सिंह राही चर्चा में इसलिए हैं, क्योंकि जिस जिले के उनके साथ यह घटना हुई वहीं 15 साल बाद आईएएस के रूप में उनकी वापसी हो गई है।
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आईएएस रिंकू सिंह ने यूपीपीएससी 2004 परीक्षा पास करने के बाद 2008 में उनकी नियुक्ति मुजफ्फरनगर जिले में जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर की गई थी।
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उन्होंने 100 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले को सबसे सामने उजागर कर दिया, जिससे माफिया राज की भ्रष्टाचार की कुर्सी टूट गई।
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26 मार्च 2009 को सुबह करीब 7 बजे उन पर एक के बाद एक 7 गोलियां दाग दी गई, लेकिन जिसको राखे साइयां मार सके न कोई।
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उन्होंने 2012 में लखनऊ में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया, 2018 में उन्हें उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया।
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बहाल होने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की, और 2021 में 683वीं रैंक लाकर परीक्षा पास की। वे 2022 बैच यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, और अब मुजफ्फरनगर में पोस्टिंग हैं।
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