Aug 11, 2023
7 जनवरी 1988 को महाराष्ट्र के धुले जिले के आदिवासी भील समुदाय में पैदा हुए IAS राजेंद्र भरुड़ की सफलता की कहानी झकझोर देने वाली है।
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जब वह मां के गर्भ में थे तो उनके पिता का निधन हो गया और उनकी मां को गर्भपात कराने की सलाह मिली। हालांकि मां ने ऐसा नहीं किया। वह तीसरी संतान हैं।
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बचपन से होशियार राजेंद्र भरुड़ ने एक नहीं बल्कि दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की। पहले उन्हें आईपीएस कैडर मिला फिर अगले प्रयास में 2013 में उन्हें आईएएस कैडर मिल गया।
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राजेंद्र की मां बच्चों को पालने के लिए शराब बेचा करती थीं और जो लोग शराब पीने आते थे वो उनसे चखना मंगाते थे। इसके बदले लोग उन्हें कुछ पैसे देते थे।
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राजेंद्र शराबियों से मिले पैसे से किताब खरीदते और पढ़ते रहते। कई बार बिना कुछ खाए और कई बार सूखी रोटियां खाकर पढ़ाई में जुटे रहते।
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जब वह बड़े हुए तो लोग कहते कि शराब बेचने वाले का बेटा शराब ही बेचेगा लेकिन राजेंद्र ने इसे तब झुठला दिया जब, उनके 10वीं में 95 फीसदी और 12वीं में 90 फीसदी नंबर आए।
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इसके बाद साल 2006 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी तो यहां भी सीट मिल गई! उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई मुंबई के सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज से की!
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डॉक्टरी पूरी करने के बाद उनके मन में समाज के लिए कुछ करने का विचार आया और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
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वर्तमान में राजेंद्र महाराष्ट्र में तैनात हैं ।उन्होंने आईएएस बनने के बाद उन्होंने अपनी मां को समर्पित एक किताब भी लिखी है।
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