Dec 7, 2023
यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है।
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बेहद मेहनती औ लगनशील युवा ही इस परीक्षा को पास कर आईएएस बनते हैं।
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डोंगरे रेवैया तेलंगाना में कुमुराम भीम आसिफाबाद के रहने वाले हैं। उनकी मां मिड डे मील बनाती थीं। गरीबी में पलकर डोंगरे ने IAS बनकर इतिहास रच दिया।
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आईआईटी जेईई में सफलता के बाद भी पैसे की कमी के कारण डोंगरे ने एडमिशन की उम्मीद लगभग खो दी थी। फिर तत्कालीन कलेक्टर डॉ. अशोक कुमार ने उनकी बहुत मदद की।
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जब डोंगरे चार साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए थे।
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गुजारा चलाने के लिए उनकी मां ने 1,500 रुपये के मासिक वेतन पर मिड-डे मील कुक के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
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2017 में आईआईटी मद्रास से केमिकल इंजीनियरिंग में इंटीग्रेटेड कोर्स पूरा करने के बाद उन्होंने 70वीं रैंक के साथ GATE भी क्लीयर किया। इससे उन्हें मुंबई में ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) नौकरी मिल गई।
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2020 में उन्होंने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की और 2021 में पहला अटेम्प्ट दिया था। यहां वह दो अंकों से चूक गए।
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इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर तैयारी की और उनकी 410वीं रैंक आई। ऐसे जाकर उनके आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ।
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