पिता के निधन के बाद मां ने मजदूरी कर पढ़ाया, बेटी पहले बनी IPS और फिर IAS

कुलदीप राघव

Sep 28, 2023

बचपन में देखा था सपना

IAS दिव्या तंवर के सिर से पिता का साया उठ गया और मां ने अकेले उनकी परवरिश की। स्कूल के दौरान एनुअल फंक्शन में SDM आए और दिव्या ने ठान लिया कि वह अधिकारी बनेंगी।

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मां ने मजदूरी की

दिव्या के सिर से पिता का साया तब उठ गया था, जब वह 8-9 साल की थी। मां ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया और बेटी ने दो बार यूपीएससी क्रैक कर इतिहास रच दिया।

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ऑटो वाले का बेटा बना IAS

पहले प्रयास में 438वीं रैंक

दिव्या तंवर ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 438वीं रैंक पाकर आईपीएस पद पाया था। तब मणिपुर कैडर अलॉट हुआ था।

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दूसरे प्रयास में 105वीं रैंक

दिव्या तंवर ने यूपीएससी 2023 में ऑल इंडिया 105वीं रैंक पाई। यह उनका दूसरा प्रयास था!

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नहीं थी कोचिंग की फीस

संसाधन के नाम पर कोई लैपटॉप या हाई-फाई फोन या वाई-फाई नहीं था। कोचिंग देने की फीस भी नहीं थी।

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21 की उम्र में रचा इतिहास

21 की उम्र में यूपीएससी पास करने वाली दिव्या तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव निंबी की रहने वाली हैं।

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मां के संघर्ष की कहानी

उनकी पढ़ाई के लिए और घर चलाने लिए मां बबिता तंवर खेतों में मजदूरी करती थीं।

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ऐसे देखा सपना

स्कूल के दौरान एनुअल फंक्शन में SDM आए और दिव्या ने ठान लिया कि वह अधिकारी बनेंगी।

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सरकारी कॉलेज से एजुकेशन

12वीं के बाद ग्रेजुएशन सरकारी कॉलेज से की। पढ़ाई का खर्च, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर, गांव के स्कूल में पढ़ाकर निकाला।

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