Jun 18, 2025
भारत में हजारों युवा आसमान छूने की चाहत रखते हैं।
Credit: AI Images/Instagram
आसमान छूने की चाहत रखने के लिए पायलट बना जाता है।
Credit: AI Images/Instagram
क्या आप जानते हैं कि पायलट कैसे बनते है, इसके कोर्स की फीस कितनी है।
Credit: AI Images/Instagram
दो तरीके से भारत में पायलट ना जाता है। एक कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) के लिए प्रशिक्षण और दूसरा भारतीय वायुसेना (IAF) के माध्यम से।
Credit: AI Images/Instagram
10+2 (भौतिकी, गणित और अंग्रेज़ी अनिवार्य) कम से कम 50% अंकों के साथ
Credit: AI Images/Instagram
कम से कम 17 साल उम्र होनी चाहिए। साथ ही DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त Class I मेडिकल फिटनेस जरूरी है।
Credit: AI Images/Instagram
CPL के लिए कम से कम 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग (हवाई जहाज उड़ाने का कुल समय) जरूरी होता है।
Credit: AI Images/Instagram
पायलट बनने के लिए औसतन एक छात्र को 35 लाख से 55 लाख रुपये या 1 करोड़ तक भी खर्च करने पड़ते हैं। राजीव गांधी एविएशन एकेडमी फॉर एविएशन टेक्नोलॉजी की फीस 3-20 लाख रुपये (कोर्स के आधार पर) है।
Credit: AI Images/Instagram
शनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की फीस 42 लाख रुपये है, वहीं इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन साइंसेज (रायबरेली) की फीस 40-45 लाख रुपये है।
Credit: AI Images/Instagram
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स