ट्रेन के दो पटरियों के बीच कितना गैप होता है, लोको पायलट कैसे बदलता है ट्रैक

Aditya Singh

Nov 16, 2023

सबसे बड़ा रेल नेटवर्क

भारतीय रेलवे एशिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है।

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ट्रेन में सफर

लाखों लोग रोजाना ट्रेन में सफर करते हैं।

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कितना होता है ट्रेन के पटरियों के बीच गैप?

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, ट्रेन के पटरियों के बीच कितना गैप होता है? लोकोपायलट ट्रेन का ट्रैक कैसे बदलता है?

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यहां देखें

यदि आप भी नहीं जानते हैं कि ट्रेन के पटरियों के बीच कितना गैप होता है तो यहां देख सकते हैं।

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दो पटरियों के बीच इतना गैप

बता दें दो रेलवे पटरियों के बीच 4 फीट 8.5 इंच मानक गेज का गैप होता है।

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नैरो गेज का इस्तेमाल

आपकी जानकारी के लिए बता दें नैरो गेज का इस्तेमाल कुछ पर्वतीय और औद्योगिक रेल मार्ग के लिए किया जाता है।

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कैसे बदलता है ट्रेन का ट्रैक

वहीं लोग अक्सर सोचते हैं कि, लोको पायलट ट्रेन का ट्रैक कैसे बदलता है।

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पावर रूम से मिलते हैं निर्देश

एक लोको पायलट को ट्रेन का ट्रैक बदलने का निर्देश रेलवे स्टेशन के पावर रूम से दिए जाते हैं।

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कंट्रोल रूम से मिलता है निर्देश

इतना ही कंट्रोल रूम से ही ट्रेन का ट्रैक चेंज किया जाता है और लोको पायलट को सुनिश्चित किया जाता है कि उन्हें किस ट्रैक पर चलना है।

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