क्या जानते हैं आप भारत में कितने रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन हैं, या ISRO के लिए श्रीहरिकोटा क्यों है इतना खास?
Credit: canva
भारत में रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन
भारत में रॉकेट लॉन्चिंग इस समय काफी चर्चा में है, क्योंकि ISRO के साइंटिस्ट ने इस 14 जुलाई को चंद्रयान 3 लॉन्च किया है।
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सबसे बड़ा स्पेस मिशन
चंद्रयान 3 न सिर्फ ISRO के लिए बल्कि भारत के लिए भी सबसे बड़ा स्पेस मिशन है, इससे पहले दो बार यह मिशन पूरा नहीं हो पाया है।
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रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की संख्या
भारत में रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की संख्या की बात करें, तो लोगों के जहन में केवल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश आता है, जहां से चंद्रयान 3 छोड़ा गया है।
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भारत के तीनों लॉन्चिंग स्टेशन
लेकिन श्रीहरिकोटा के अलावा भी दो और रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन है — विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), केरल और डॉ अब्दुल कलाम द्वीप, जो ओडिशा में स्थित है। आइये तीनों के बारे में जानें
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SDSC
इस अंतरिक्ष केंद्र का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। इसे 1963 में शुरू किया गया था।
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VSSC
यह एक रॉकेट लॉन्चिंग सेंटर है। इसकी स्थापना 1969 में हुई थी। वर्तमान में अधिकांश भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण यहीं से किए जाते हैं।
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डॉ अब्दुल कलाम द्वीप
इसे पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था, भारत के ओडिशा के तटीय इलाके में स्थित एक द्वीप है, यह DRDO द्वारा संचालित है। भारत में अधिकांश सैन्य मिसाइल का परीक्षण यही होता है।
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भारत में रॉकेट कहां बनते हैं?
लॉन्च वाहनों का विकास तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम (थुंबा), केरल में किया जाता है, जबकि लॉन्चिंग चेन्नई के पास श्रीहरिकोटा द्वीप में होता है।
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इसरो का सबसे शक्तिशाली रॉकेट कौन सा है?
इसरो का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क III (LVM3) , जिसे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (GSLV Mk III) भी कहा जाता है।
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