May 12, 2024
बारिश के मौसम में अक्सर आपने देखा होगा कि आसमान में बिजली चमकती है।
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लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर आसमान में बिजली कैसे चमकती है?
वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने साल 1872 में पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी।
दरअसल, बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो हवा की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं।
जिस वजह से कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज और कुछ पर निगेटिव चार्ज हो जाता है।
जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है।
ऐसे में बादलों के बीच जो जगह रहती है, वहां पर बिजली की धारा बहने लगती है।
इससे बड़े पैमाने पर चमक उत्पन्न होती है, जिसकी वजह से बिजली आसमान में चमकती हुई दिखती है।
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