Apr 25, 2024
ज्यादातर लोगों ने नारियल पानी पिया होगा, इसका स्वाद बच्चे बूढ़े सभी को पसंद आता है, लेकिन कभी सोचा है कि इसमें पानी कैसे बनता है, या कहां से आता है।
Credit: canva
हम इसके स्वाद या फायदे के बारे में बात नहीं करेंगे बल्कि जानेंगे कि इसके पीछे भी नेचर और साइंस है। चलिए आज जान लीजिए कि आखिर नारियल में पानी कहां से आता है।
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नारियल का वृक्ष अपनी जड़ों के माध्यम से पानी को खींचता है। यह प्रक्रिया पेड़ की कोशिकाओं की मदद से पूरी हो पाती है।
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जड़ों से पानी खींचने की प्रक्रिया को साइंस में Osmosis कहते हैं। इसमें जड़ों से पानी तने से होते हुए फल के अंदर तक जाता है।
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फल में जब पानी भरने लगता है तो उसमें पेड़ का एंडोस्पर्म (Endosperm) घुल जाता है, जिससे यह पानी हल्का गाढ़ा हो जाता है।
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जिन नारियल में पानी सूख जाता है, इसका मतलब हुआ कि वह पूरी तरह से पक गया है।
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पानी सूखने का मतलब कि यह सफेद व ठोक पदार्थ का रूप ले चुका है, जिसे आप मलाई नाम से खाते हैं।
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यही वजह है कि जब आप दुकान से नारियल लेते हैं तो वो आपसे पूछता है पानी वाला दें, या मलाई वाला।
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अक्सर सूखे हुए नारियल आपको हरे की जगह हल्के भूरे या मटमैले या हल्के पीले रंग के भी दिखाई दे सकते हैं।
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