भारी बारिश की खबरों के बीच में आपने बादल फटना सुना होगा, लेकिन यह बादल फटते कैसे हैं, आज इसका कारण जानते हैं।
Credit: canva
बादल फटना क्या होता है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट के अनुसार, एक ही जगह पर सामान्य से बहुत ज्यादा पानी गिरने को बादल फटने के रूप में निर्धारित किया जाता है।
Credit: canva
बादल फटने का कारण
बादल फटने का कारण क्या है? साइंस के अनुसार, जब "एक घंटे में एक स्टेशन पर 10 सेमी वर्षा होती है।" तो इसे बादल फटना यानी cloudburst कहते हैं।
Credit: canva
सरल शब्दों में समझें
मानसून के समय सागरों से आने वाली हवाएं भारत के उत्तर में हिमालय की ओर बढ़ती हैं, और फिर पहाड़ों से टकराकर उपर की तरफ जाती हैं, जहां ये हवाएं ठंडी होने लगती हैं।
Credit: canva
इसलिए इकट्ठा होता है पानी
अब नीचे से उपर जाने वाली हवाएं बादलों की बूंदों को नीचे नहीं गिरने देती, इस प्रक्रिया में बादलों का आकार भी बढ़ता है और पानी भी ज्यादा इकट्ठा होता है।
Credit: canva
ऐसे गिरता है पानी
जैसे ही नीचे से उपर जाने वाली हवाएं बंद हो जाती है, कुछ ही सेकेंड में सारा पानी नीचे गिरता है। इसका जोखिम सबसे ज्यादा पहाड़ी इलाकों में होता है।
Credit: canva
बादल फटने से हानि?
बादल फटना बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह आमतौर पर अपने रास्ते में आने वाले लोगों, जानवरों और भूमि के कुछ हिस्सों को बहा ले जाता है।
Credit: canva
उत्तराखंड की बाढ़ थी cloudburst
2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में अचानक आई बाढ़ पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया है कि बादल फटने के साथ ओला गिरना और आंधी भी आ सकती है।
Credit: canva
क्या इसकी भविष्यवाणी संभव है?
बादल फटने की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, हालांकि Doppler Radars इस तरह की भविष्यवाणी कर सकता है। यह एक विशेष रडार है, लेकिन यह बहुत ही कम संख्या में उपलब्ध हैं।
Credit: canva
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स
Next: आखिर कौन थे Robert Oppenhiemer, भगवत गीता से था ये खास कनेक्शन