Sep 28, 2023
गेहूं (ट्रिटिकम), राई (सेकेले), जौ (होर्डियम), जई (एवेना), चावल (ओरिजा), बाजरा (पेनिसेटम), मक्का (जीया), ज्वार यह सभी अनाज हैं।
Credit: canva
ऐसी प्रक्रिया जिसके द्वारा एक बीज एक युवा पौधे या अंकुर के रूप में विकसित होता है, अंकुरण कहलाता है।
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जब किसी अनाज या बीजों को 10 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखा जाता है, और फिर उन्हें दो से तीन दिन के लिए नम या गीले कपड़े में लपेटकर रखा जाता है तो उसमें अंकुर फूट जाते हैं।
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इन्हें हम अंकुरित अनाज या स्प्राउट नाम से जानते हैं। अंकुरित होने से यह बीज या दाने बड़े व मुलायम हो जाते हैं, जिसके बाद इन्हें ऐसे ही खाया जा सकता है।
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अनाज जब अंकुरित हो जाता है तो वो न सिर्फ बड़ा या मुलायम होता है बल्कि उसमें से एक हिस्सा (धागे जैसा) बाहर आता है।
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अंकुरण के शुरुआती चरण के दौरान, बीज तेजी से पानी खींचते हैं और इसके परिणामस्वरूप बीज का आवरण फूल जाता है और यह नरम हो जाते हैं। इस चरण को अंतःशोषण (Imbibition) कहा जाता है।
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बीज आवरण के फूल जाने से यह टूट जाते हैं, जिसके बाद मूलांकुर जड़ बनाने के लिए उभरने लगता है और यह तेजी से जल को सोखना शुरू कर देता है।
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मूलांकुर और प्लम्यूल के उभरने के बाद प्ररोह (पौधों आदि का उगकर ऊपर की ओर बढ़ना) ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, यानी इसका विकास होने लगता है।
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बीज के अंकुरण के अंतिम चरण में, बीज की कोशिका चयापचय रूप से सक्रिय हो जाती है, लंबी हो जाती है और अंकुर को जन्म देने के लिए विभाजित हो जाती है।
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